नमस्ते,
दोस्तो कैसे हो । आज हम कुछ सफलता के बारे में बात करेगें । सफलता का अर्थ हमारे लिए अलग अलग हो सकता है लेकिन उसमें हिम्मत एक का रुप लगभग समान ही होता है ।
“हारिए न हिम्मत बिसारिए न राम” के मूल मंत्र में ही सफलता का रहस्य छिपा है । कठिन से कठिन परिस्शितियों में भी हिम्मत न हारने वाला मनुष्य जीवन में ऊचाईयों को प्राप्त कर ही लेता है । परमेश्वर ने जितनी सम्मभावनाएं आगे बढने की मनुष्य मात्र को दे रखी है, शायद ही किसी को नहीं । परन्तु आज का मनुष्य कहीं ना कहीं आपनी विशिष्ढता एवं क्षमता को पहचाननें में नाकाम दिख रहा है । आत्मविकास की बात करना तो दुर की बात है । थोडी बहुत बाधाओं से ही मनुष्य घबराने लगता है । सघर्ष करने से भागता है । परन्तु समझना जरूरी है की जब हिम्मत साथ होगी , तभी परिणाम की सिद्धि होगी ।
साधारण व्यक्ति जहां केवल चिंतन और कर्म का ही वहन करते है वही दुसरी ओर आत्मनिरीक्षण ,आत्मसुधार और आत्मनिर्माण को भी अपने प्रयासों में सम्मिलित करते है । ऐसे हर दिन को एक नए जन्म के रूप में आरम्भ करते हैं । इस प्रकार जीवन में कई बार मन को संकल्पित किए जाने की आवश्यकता होती है । इतिहास साक्षी है कि जिन्होने बी परमेश्वर की अनुकाया को अनुभुत करते अपने कार्यो को पुरा करने का प्रयास किया है , वे निश्चित ही सफल हुए है । सकारात्मक सोच रखते हुए निर्भयता पूर्वक कार्य के प्रति सलग्न होना सफलता का आधार है नकारात्मक सोच के लोगों को पास फटकने न दे । मित्रता सदैव साहसी , बुध्दिमान एवं विश्वासी लोगों से करे । उत्साह बढानें वाली ,साहस व हिम्मत से भरी बातों ,कहानियो ,घटनाओं को अपने जीवन में जगह देकर व्यक्ति भौतिक ही नहीं अपितु आध्यात्मिक क्षेत्र भी ऊचांईयो को प्राप्त कर सकता है ।सतत प्रयास करें । निरंतर प्रयास ही आपकी किस्मत का निर्माण करता है ।
“भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कई बार उदेश्य कि प्राप्ति ने होने के पीछे कहीं न कहीं पूर्ण समर्पण की ही कमी होती है।” इसीलिए प्रयास करते रहे । मै भगवान से प्रार्थना करुगा कि आपको आपकी मजिंल (लक्ष्य) जरूर मिले ।
अपनी राय आप कोम्टस (Comment ) के रूप में दे सकते है । आपका काई सवाल हो तो पुछ सकते हैं .
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साधारण व्यक्ति जहां केवल चिंतन और कर्म का ही वहन करते है वही दुसरी ओर आत्मनिरीक्षण ,आत्मसुधार और आत्मनिर्माण को भी अपने प्रयासों में सम्मिलित करते है । ऐसे हर दिन को एक नए जन्म के रूप में आरम्भ करते हैं । इस प्रकार जीवन में कई बार मन को संकल्पित किए जाने की आवश्यकता होती है । इतिहास साक्षी है कि जिन्होने बी परमेश्वर की अनुकाया को अनुभुत करते अपने कार्यो को पुरा करने का प्रयास किया है , वे निश्चित ही सफल हुए है । सकारात्मक सोच रखते हुए निर्भयता पूर्वक कार्य के प्रति सलग्न होना सफलता का आधार है नकारात्मक सोच के लोगों को पास फटकने न दे । मित्रता सदैव साहसी , बुध्दिमान एवं विश्वासी लोगों से करे । उत्साह बढानें वाली ,साहस व हिम्मत से भरी बातों ,कहानियो ,घटनाओं को अपने जीवन में जगह देकर व्यक्ति भौतिक ही नहीं अपितु आध्यात्मिक क्षेत्र भी ऊचांईयो को प्राप्त कर सकता है ।सतत प्रयास करें । निरंतर प्रयास ही आपकी किस्मत का निर्माण करता है ।
“भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कई बार उदेश्य कि प्राप्ति ने होने के पीछे कहीं न कहीं पूर्ण समर्पण की ही कमी होती है।” इसीलिए प्रयास करते रहे । मै भगवान से प्रार्थना करुगा कि आपको आपकी मजिंल (लक्ष्य) जरूर मिले ।
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