आओ देश का सम्मान करें , शहीदों की शहादत याद करें , एक बार फिर से राष्ट्र की कमान हम हिंदुस्थानी अपने हाथ धरें . आओ स्वतंत्रता दिवस का मान करे !.
वतन हमारा मिसाल है मोहब्बत की , तोड़ता है दीवार नफरत की , मेरी खुश नसीबी है मिली जिंदगी इस चमन में , भुला ना सके कोई इसकी खुशबू सातों जन्मों में .

चलो फिर से खुद को जगाते हैं , अनुशासन का डंडा फिर से घुमाते हैं , सुनहरा रंग है गणतंत्र का शहीदों के लहू से , ऐसे शहीदों को हम सब सिर झुकाते हैं ..
कुछ नशा तिरंगे की आन का है , कुछ नशा मातृभूमि की शान का है , हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा , नशा ये हिन्दुस्तां के सम्मान का है ..
मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ, मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की, तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ
आज़ादी की कभी शाम ना होने देंगे , शहीदों की कुर्बानी बदनामी ना होने देंगे , .बच्ची है जो एक बूंद भी लहू की तब तक भारत माँ का आँचल नीलाम ना होने देंगे !.
ये बात हवाओं को बताये रखना , रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना , लहू दे कर जिसकी हिफाजत हमने की … ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना.
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