खुद की भावनाओं को न आंकें
अपनी भावनाओं को खुद से आंकना छोड़ दीजिए, क्‍योंकि आपको अपने अंदर कभी भी कमी नहीं दिखेगी, अगर आपकी भावनायें गलत होंगी तब भी वे आपको अच्‍छी लगेंगी। अगर आप अपनी भावनाओं को खुद से आंक रहे हैं इसका मतलब आप अपनी कमी को छुपाकर अपनी योग्‍यता को कम कर रहे हैं। इसका नकारात्‍मक असर आपकी सकारात्‍मक सोच पर पड़ता है। इसलिए नकारात्‍मक भावनाओं से बचने की कोशिश कीजिए।

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